विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास: “हम रिकॉर्ड के लिए नहीं खेल रहे”

Vikrant Sharma

Virat Kohli defended criticism of India's turning pitches in 2015

भारत के स्टार बल्लेबाज Virat Kohli ने 12 मई, सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा की। भारतीय क्रिकेट के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है, क्योंकि कोहली ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को कई उपलब्धियाँ दिलाई हैं। उनके इस फैसले ने क्रिकेट जगत को चौंका दिया है, लेकिन उनके करियर की कई ऐसी घटनाएँ हैं, जो हमेशा याद रहेंगी। इनमें से एक महत्वपूर्ण घटना 2015 के भारत और South Africa के बीच हुए टेस्ट सीरीज से जुड़ी हुई है, जब Virat Kohli ने ‘turning pitches’ पर आए आलोचनाओं का सख्त तरीके से जवाब दिया था।

2015 के ‘Turning Pitches’ पर विराट कोहली का बयान

2015 में भारत के घरेलू सीजन के दौरान, भारत को कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, खासकर उस समय तैयार किए गए पिचों को लेकर। आलोचकों ने कहा कि इन पिचों ने बल्लेबाजों के लिए मुश्किलें पैदा की हैं और गेंदबाजों को मदद मिल रही है। इस पर Virat Kohli ने जवाब देते हुए कहा था कि उनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ टेस्ट मैच जीतना था, न कि बल्लेबाजों के औसत पर ध्यान देना।

Virat Kohli ने कहा, “हमारे प्रदर्शन को ‘ugly’ कहना सही नहीं है। यह शब्द बहुत कठोर है। यह बस बल्लेबाजों की ओर से कुछ कमी रही। मैं बल्लेबाजों के औसत से समझौता करने को तैयार हूं, जब तक हम टेस्ट मैच जीत रहे हैं।”

“हम रिकॉर्ड के लिए नहीं खेल रहे”

कई पत्रकारों द्वारा उठाए गए सवालों के बाद Virat Kohli ने साफ कहा, “हम रिकॉर्ड के लिए नहीं खेल रहे हैं, हम सिर्फ और सिर्फ टेस्ट मैच जीतने के लिए खेल रहे हैं। हमें संख्याओं या औसतों से कोई फर्क नहीं पड़ता। यही हमारी मुख्य चिंता है।”

कोहली का यह बयान दर्शाता है कि उनकी कप्तानी का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत आंकड़ों से ऊपर टीम की जीत को प्राथमिकता देना था। यही वजह थी कि उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने कई ऐतिहासिक जीतें हासिल की, खासकर घरेलू पिचों पर।

विराट कोहली की कप्तानी में भारत की उपलब्धियाँ

Virat Kohli की कप्तानी में भारतीय क्रिकेट ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की। उनके नेतृत्व में भारत ने 2018 में पहली बार Australia में टेस्ट सीरीज जीती। इसके अलावा, कोहली की कप्तानी में भारत ने ICC Test rankings में नंबर 1 की पोजिशन हासिल की, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी।

Virat Kohli की कप्तानी में टीम इंडिया ने घरेलू मैदान पर अपनी ताकत दिखाई और टेस्ट क्रिकेट में भारत को शिखर तक पहुँचाया। उनकी यह सोच कि टीम की जीत व्यक्तिगत आंकड़ों से ज्यादा महत्वपूर्ण है, ने भारतीय क्रिकेट में एक नई मानसिकता को जन्म दिया।

विराट कोहली का टेस्ट करियर: एक नज़र

Virat Kohli ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और तब से अब तक 123 टेस्ट मैच खेले। उन्होंने 9,230 रन बनाए, जिसमें उनका औसत 46.85 रहा। कोहली ने 30 शतक और 31 अर्धशतक जड़े, जो उनकी महान बल्लेबाजी का प्रमाण है।

हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में कोहली की बल्लेबाजी में कुछ उतार-चढ़ाव देखे गए, फिर भी उनकी तकनीक और मानसिकता उन्हें भारतीय क्रिकेट का एक अभिन्न हिस्सा बनाए रखी।

टेस्ट क्रिकेट से संन्यास: भारत के लिए आगामी चुनौतियाँ

Virat Kohli का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा बदलाव है। इसके बाद, Rohit Sharma के पहले ही संन्यास की घोषणा के बाद, अब भारतीय टीम को उनके जैसे दिग्गज क्रिकेटरों के बिना आगे बढ़ना होगा। भारत को अगले कुछ महीनों में England में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है, और इस सीरीज में Virat Kohli की कमी महसूस की जाएगी।

विराट कोहली का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक चुनौती हो सकता है, लेकिन यह नए खिलाड़ियों के लिए अवसर भी प्रदान करता है। नए नेतृत्व में टीम को नई दिशा मिलेगी।

कोहली का ODI करियर और भविष्य

Virat Kohli ने 2024 में T20I क्रिकेट से संन्यास लिया था और अब वह केवल ODI cricket में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद, उनका अनुभव अब एकदिवसीय क्रिकेट में अधिक महत्वपूर्ण होगा।

निष्कर्ष

Virat Kohli का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक पल है। उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी में दी गई योगदान को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा। उनका यह बयान ‘हम रिकॉर्ड के लिए नहीं खेल रहे’ न केवल उनकी कप्तानी की सोच को प्रदर्शित करता है, बल्कि टीम की जीत और सामूहिक प्रयास को प्राथमिकता देने की मानसिकता को भी दिखाता है। अब जबकि कोहली और रोहित जैसे दिग्गज क्रिकेट से संन्यास ले रहे हैं, भारतीय क्रिकेट को आने वाले समय में नए नेतृत्व और खिलाड़ियों की जरूरत होगी।

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